अखिल भारतीय अग्रवाल सम्मेलन के प्रदेश अध्यक्ष सुरेंद्र अग्रवाल ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी से मांग की है कि स्वतंत्रता संग्राम के महानायक पंजाब केसरी लाला लाजपतराय को मरणोपरांत भारत रत्न की उपाधि से सम्मानित किया जाए।
प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में प्रदेश अध्यक्ष सुरेंद्र अग्रवाल ने कहा कि आपकी ओर से भारत के प्रमुख स्वतंत्रता सेनानियों को भारत रत्न उपाधि से विभूषित किया जा चुका है, लेकिन अब समय आ गया है कि शेरे पंजाब की उपाधि से विभूषित एवं साइमन कमीशन गो बैक आंदोलन का नेतृत्व करते हुए अंग्रेजों की लाठियों के प्रहार से अपने प्राण गंवाने वाले लाला लाजपतराय को आजादी के अमृत महोत्वस वर्ष पर भारत रत्न की उपाधि से विभूषित किया जाए। उन्होंने कहा कि इस तथ्य से इंकार नहीं किया जा सकता है कि लाला लाजपतराय के बलिदान ने इस देश में आजादी के प्रति युवाओं में जुनून पैदा करने का काम किया था।
सुरेंद्र अग्रवाल ने कहा कि लाला जी न सिर्फ एक स्वतंत्रता सेनानी थे वरन समाज के गरीब एवं कमजोर वर्ग की मदद करने में भी सदैव आगे रहते थे। उन्होंने 1897 एवं 1899 में आए भीषण अकाल के दौरान लोगों की उस समय आगे बढक़र सहायता की जब अंग्रेज सरकार ने लोगों को भूखा मरने के लिए छोड़ दिया था। इसके अलावा 1905 में बंगाल विभाजन के निर्णय का विरोध करने के लिए उन्होंने जोरदार आंदोलन चलाया। उन्होंने अंग्रेजों की दमनकारी नीतियों के विरुद्ध पूरी दुनिया को एकजुट करने का काम किया। इतना ही नहीं लाला लाजपतराय जी ने शिक्षा के महत्व को रेखांकित करते हुए देश में डी.ए.वी विद्यालयों की श्रृंखला स्थापित करने का काम भी प्रारंभ किया।
श्री अग्रवाल ने कहा कि अखिल भारतीय अग्रवाल सम्मेलन भारत सरकार के समक्ष करोड़ों भारतीयों की भावनाओं एवं इच्छा को औपचारिक रुप से प्रस्तुत करता है कि गणतंत्र दिवस के अवसर पर दिए जाने वाले सम्मानों की सूचि में सबसे पहले भारत रत्न के रुप में शेर ए पंजाब लाला लाजपतराय का नाम शामिल किया जाए। उन्होंने कहा कि सरकार के इस निर्णय से देश की युवा पीढ़ी के लिए जीने मरने की प्रेरणा मिलेगी।
