खसरा एवं रूबेला को इस वर्ष के अंत तक समाप्त करने के लक्ष्य को प्राप्त करने की योजना बनाने के उद्देश्य से आज डिपटी कमिश्नर कोमल मित्तल की अध्यक्षता में स्वास्थ्य एवं अन्य विभागों के अधिकारियों की विशेष बैठक आयोजित की गयी। इस दौरान डिपटी कमिश्नर ने कहा कि सरकार द्वारा निर्धारित लक्ष्यों के तहत द्वितीय चरण में खसरा और रूबेला के पूर्ण उन्मूलन के लिए 20 से 25 मार्च तक विशेष टीकाकरण सप्ताह मनाया जा रहा है
उन्होंने कहा कि इस टीकाकरण सप्ताह का मुख्य उद्देश्य 0 से 5 वर्ष तक के बच्चों का टीकाकरण सुनिश्चित करना है। उन्होंने कहा कि इस टीकाकरण सप्ताह के तहत उच्च जोखिम वाली प्रवासी आबादी, झुग्गी-झोपड़ियों और ईंट भट्ठों में रहने वाले लोगों और उन क्षेत्रों या गांवों में रहने वाले लोगों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा, जहां सरकारी स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं हैं। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्धारित लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए टीकाकरण अभियान को प्रभावी बनाने को कहा। उन्होंने कहा कि खसरा एवं रूबेला के टीकाकरण से वंचित बच्चों को चिन्हित कर उनका टीकाकरण पूर्ण किया जाये। इसी तरह उन्होंने अन्य संबंधित विभागों को भी इस अभियान में स्वास्थ्य विभाग को पूरा सहयोग देने का आदेश दिया।
उन्होंने लोगों से भी अपील की कि यदि उनके बच्चों का टीकाकरण नहीं हुआ है या टीकाकरण की कोई खुराक बची है तो वह उक्त सप्ताह में नजदीकी स्वास्थ्य संस्थान में जाकर अवश्य ही टीका लगवाएं। उन्होंने कहा कि बच्चों को गंभीर बीमारियों से बचाना स्वास्थ्य विभाग का प्राथमिक कर्तव्य है, लेकिन इस प्रक्रिया में अभिभावकों का जागरूक होना भी बेहद जरूरी है।
इस अवसर पर सहायक सिविल सर्जन डॉ. पवन कुमार ने कहा कि खसरा और रूबेला वायरस से होने वाली बीमारी है और इसका मुख्य लक्षण बुखार के साथ शरीर पर दाने निकल आना है। उन्होंने कहा कि इससे बचाव के लिए क्रमशः 9 और 18 माह की उम्र में 2 टीके लगवाने चाहिए। लेकिन अगर ये टीके किसी विशेष परिस्थिति में नहीं दिए जाते हैं, तो इन्हें अधिकतम 5 वर्ष की आयु में लगाया जा सकता है। इस मौके पर एसडीएम दसूहा ओजस्वी अलंकार, एसपी मनजीत कौर, जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. लखवीर सिंह के अलावा स्वास्थ्य सहित अन्य विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।